Shekhawati University,Sikar

Tuesday, 29 May 2018

Khatushyamji:About Khatushyamji Temple in Khatu dham

Khatushyam Mandir:About Khatushyamji In Hindi

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Khatushyam Mandir:About Khatushyamji In Hindi

Khatu shyam ji History in Hindi, Khatu shyam ji ka itihas कौन हैं बाबा खाटू श्याम, जानिए खाटूश्यामजी का इतिहास

खाटू मेला 2019 के मौके पर जानिए राजस्थान के सीकर जिले के गांव खाटू के नरेश खाटूश्यामजी को पूरी दुनिया में शीश के दानी के नाम से भी क्यों जाना जाता है?

खाटूश्यामजी (सीकर). बाबा श्याम। हारे का सहारा। लखदातार। खाटूश्यामजी। नीले घोड़े का सवार। मोर्विनंदन। खाटू नरेश और शीश का दानी। जितने निराले बाबा श्याम के नाम और भक्त हैं। उतना ही रोचक इनका इतिहास है। खाटू मेला 2018 के मौके पर जानिए राजस्थान के सीकर जिले के गांव खाटू के नरेश खाटूश्यामजी को पूरी दुनिया में शीश के दानी के नाम से भी क्यों जाना जाता है?। कौन हैं खाटूश्यामजी। कैसे बने बाबा श्याम। इन सबके पीछे कौनसी पौराणिक कथा है?।

Khatu shyam ji History in Hindi:खाटूश्यामजी की कथा

-कौरव वंश के राजा दुर्योधन नेनिर्दोष पाण्डवों को सताने और उन्हें मारने के लिए लाक्षागृह का निर्माण किया था, पर सौभाग्यवश वे उसमें से बच निकले और वनवास में रहने लगे। -एक समय जब वे वन में सो रहे थे उस स्थान के पास ही एक हिडम्ब नामक राक्षस अपनी बहन हिडिम्बी सहित रहता था। तब उनको मनुष्य (पाण्डवों) की गंध आई तो उन्हें देखकर यह राक्षस अपनी ***** से बोला इन मनुष्यों को मारकर मेरे पास ले आओ। -अपने भाई के आदेश से वह वहां आई जहां पास ही सभी भाई द्रोपदी सहित सो रहे थे। और भीम उनकी रक्षा में जग रहा था। भीम के स्वरूप को देखकर हिडिम्बी उस पर मोहित हो और मन में यह सोचने लगी मेरे लिए उपयुक्त पति यही हो सकता है। -उसने भाई की परवाह किए बिना भीम को पति मान लिया। कुछ देर बाद हिडिम्बी के वापस न लौटने पर हिडिम्बासुर वहां आया और स्त्री के सुन्दर भेष में अपनी ***** को भीम से बात करता देख क्रोधित हुआ। -तत्पश्चात हिडिम्बी के अनुनय विनय से माता कुन्ती व युधिष्ठिïर के निर्णय से दोनों का गन्धर्व विवाह हुआ। उपरोक्त अवधि के अन्तर्गत हिडिम्बी गर्भवती हुई और एक महाबलवान पुत्र को जन्म दिया। बाल रहित होने से बालक का नाम घटोत्कच रखा गया। -हिडिम्बा ने कहा कि मेरा भीम के साथ रहने का समय समाप्त हो गया है और आवश्यकता होने पर पुन: मिलने के लिए कह वह अपने अभिष्ठï स्थान पर चली गई। साथ ही घटोत्कच भी सभी को प्रणाम कर आज्ञा लेकर उतर दिशा की और चला गया। -जल्द ही कृष्ण के कहने पर मणिपुर में मुरदेत्य की लडक़ी कामकंटका से गन्धर्व विवाह हुआ व कुछ समय व्यतीत होने के पश्चात उन्हें महान पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया जिसके शेर की भांति सुन्दर केशों को देखकर उसका नाम बर्बरीक रखा। -बल की प्राप्ति के लिए उसने देवियों की निरन्तर आराधना कर तीनों लोको में किसी में ऐसा दुर्लभ अतुलनीय बल का वरदान पाया। देवियों ने बर्बरीक को कुछ समय वहीं निवास करने के लिए कहा और कहा कि एक विजय नामक ब्राह्मïण आएंगे। उनके संग में तुम्हारा और अधिक कल्याण होगा। -आज्ञानुसार बर्बरीक वहां रहने लगा। तब मगध देश के विजयी नामक ब्राह्मïण वहां आये और सात शिव्लिंगों की पूजा की साथ ही विद्या की सफलता के लिए देवियों की पूजा की। ब्राह्मïण को स्वप्न में आकर कहा कि सिद्घ माता के सामने आंगन में साधना करो बर्बरीक तुम्हारी सहायता करेगा। -ब्राह्मïण के आदेश से बर्बरीक ने साधना में विघ्न डालने वाले सभी राक्षसों को यमलोक भेज दिया। उन असुरों को मारने पर नागों के राजा वांसुकि वहां आए और बर्बरीक को दान मांगने के लिये कहा। -तब बर्बरीक ने विजय की निर्विघ्न तपस्या सफल हो यही वर मांगा। ब्राह्मïण की तपस्या सफल होने पर उसने बर्बरीक को युद्घ में विजयी होने का वरदान दिया। तत्पश्चात विजय को देवताओं ने सिद्घश्चर्य प्रदान किया तब से उनका नाम सिद्घसेन हो गया। -कुछ काल बीत जाने के बाद कुरूक्षेत्र मैदान में कौरवों और पाण्डवों के बीच में युद्घ की तैयारियां होने लगी। इस अवसर पर बर्बरीक भी अपने तेज नीले घोड़े पर सवार होकर आ रहे थे। -तब रास्ते में ही भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक की परीक्षा लेने के लिए ब्राह्मïण के भेष में उसके पास पहुंचे। भगवान ने बर्बरीक की मन की बात जानने के लिए उससे पूछा कि तुम किसकी और से युद्घ लडऩे आए हो तब बर्बरीक ने कहा कि जो कमजोर पक्ष होगा उसकी ओर से युद्ध में लडूंगा। -भगवान ने बर्बरीक से कहा कि तुम तीन बाणों से सारी सेना को कैसे नष्टï कर सकते हो? तब बर्बरीक ने कहा कि सामने वाले पीपल वृक्ष के सभी पत्ते एक बाण से ही निशान हो जाए और दूसरा उसे बेध देगा। -कृष्ण ने मुट्ठी व पैर के नीचे दो पत्ते छिपा लिए पर देखते ही एक बाण से क्षण भर में सब पत्ते बिंध गए तब श्री कृष्ण ने देखा वास्तव में यह एक ही बार में सबको यमलोक भेज सकता है। -तब ब्राह्मïण बने श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से याचना की तब बर्बरीक ने कहा हे! ब्राह्मïण क्या चाहते हो तब श्रीकृष्ण ने कहा कि क्या सबूत है जो मैं मांगूगा वह मुझे मिल जायेगा। -तब बर्बरीक ने कहा जब वचन की बात की है तो तुम प्राण भी मांगोगे तो मिल जायेंगे। तो ब्राह्मïण के भेष में नटवर बोले मुझे तुम्हारा शीश का दान चाहिए। -यह सुनकर बर्बरीक स्तब्ध रह गए और बोले मैं अपना वचन सहर्ष पूरा करूंगा पर सत्य कहो आप कौन हो तब कृष्ण ने अपना विराट स्वरूप बताते हुए कहा कि मैंने यह सोचा कि यदि तुम युद्घ में भाग लोगे तो दोनों कुल पूर्णतया नष्टï हो जाएंगे। -तब बर्बरीक ने कहा कि आप मेरा शीश का दान तो ले लीजिए पर मेरी एक इच्छा है कि मैं युद्घ को आखिर तक देख सकूं। तब भगवान ने कहा कि तुम्हारी यह इच्छा पूरी होगी तब बर्बरीक ने अपना शीश धड़ से काटकर दे दिया। -शीश को अमृत जडिय़ों के सहारे पहाड़ के ऊंचे शिखर पीपल वृक्ष पर स्थापित कर दिया। 18 दिन तक चले युद्घ में पाण्डवो

Gyras or Ekadashi dates in 2018 and 2019


Gyras or Ekadashi of full moon day is very important date for every shyam devotee , on this day they take fast and doing special poojan of Khatu Shyam ji . Here we are providing ekadasmi dates in 2018 and 2019 .Special Sight is arranged at Khatu Shyam Temple on every Shukal Paksh Gyaras .On Every Shukal Paksh Gyaras , Whole Khatu shyam ji Mandir is full of glorious chants and devotees of baba khatushyam comes from all around the India.
Khatu Shyam Ji Janmotsav (BirthDay ) will be celebrated on Kartik Shukal Ekadashi


DateEkadashi Fast (Vart)
March 27 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
March 13 , 2018Krishn Pakshi Gyarash
April 26, 2018Shukal Pakshi Gyarash
April 12, 2018Krishn Pakshi Gyarash
May 25 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
May 11 , 2018Krishn Pakshi Gyarash
June 23 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
June 10 , 2018Krishn Pakshi Gyarash
July 23 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
July 09 , 2018Krishn Pakshi Gyarash
August 22 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
August 07 , 2018Krishn Pakshi Gyarash
September 20 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
September 06 , 2018Krishn Pakshi Gyarash
October 20 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
October 05, 2018Krishn Pakshi Gyarash
November 19 , 2018Shukal Pakshi Gyarash
November 03, 2018Krishn Pakshi Gyarash
December 18, 2018Shukal Pakshi Gyarash
December 03, 2019Krishn Pakshi Gyarash
January 17, 2019Shukal Pakshi Gyarash
January 31, 2019Krishn Pakshi Gyarash
Februry 16 , 2019Shukal Pakshi Gyarash
March 2, 2019Krishn Pakshi Gyarash
March 17, 2019Shukal Pakshi Gyarash

Saturday, 10 February 2018

Khatushyamji Mela 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018

Khatushyamji Mela 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018

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खाटूश्यामजी.खाटूश्यामजी का लक्खी मेला 17 फरवरी से शुरू हो रहा है। मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। भक्तों को दर्शन के लिए कहां से और कैसे गुजरना होगा, इसके लिए आज हम आपको बता रहे है मेले में दर्शनमार्ग की क्या रहेगी व्यवस्था के बारे में...

इस बार भक्तों को बाबा श्याम का दीदार करने के लिए 10 किमी तक का सफर तय करना होगा। इसके बाद ही बाबा श्याम के दर्शन हो सकेंगे।

Khatu Mela 2018 : आठ दशक में खाटू नगरी में बदल गई ये 8 चीजें, मेले का इतिहास भी है बेहद रोचक

Khatushyamji Mela 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018

-सबसे पहले खाटूधाम आने वाले श्रद्धालुओं को तीन जीगजैग से होकर दस किमी तक का सफर तय होगा इसके बाद ही भक्तों को बाबा श्याम के दीदार होंगे। 

-जीगजैग एवं दर्शनमार्ग पर तकरीबन 10 हजार बल्ली, 10 हजार बांस और 5 हजार लोहे के पाइप एवं क्विंटलों की रस्सी लगेगी। इस काम को पूरा करने के लिए 150 से ज्यादा मजदूर काम पर लगे हुए है।

खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018 : Khatushyamji Mela 2018


-इन दोनों मैदान में से गुजरने के बाद श्रद्धालुओं को श्री श्याम बगीची के पास बने मुख्य मेला मैदान के जिगजैग में आना होगा।
- इसके बाद मुख्य मंदिर परिसर में प्रवेश करने के बाद लखदातारी श्याम के दर्शन होंगे।

यह सभी व्यवस्थाएं जिला प्रशासन की देखरेख में श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा की जा रही है। लामिया तिराहा के पास लखदातार मैदान एवं तिलकिया कृषि फार्म पर बांस बल्लियों एवं पाइप की सहायता से जिगजैग बनाने के लिए तकरीबन डेढ सौ से ज्यादा मजदूर दिन रात काम करने में लगे हुए है। मेले मं भीड़ के दबाव को देखते हुए जीगजैग व्यवस्था को काम में लिया जा सकता है ।

Monday, 5 February 2018

Khatushyamji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018

Khatushyam ji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018

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Khatushyam ji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018

खाटूश्यामजी.फाल्गुनी लक्खी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार 5 से 6 घंटे में दस किमी का सफर तय करने के बाद बाबा श्याम के दीदार होंगे। मेले में खाटूधाम पहुंचे श्याम भक्तों को रींगस रोड पर बने सरकारी पार्किंग के सामने बने मुख्य प्रवेश द्वार से होकर बिजली ग्रिड के पास से होते हुए खटीकान मोहल्ला, केहरपुरा तिराहा से होकर लामिया तिराहे से लगी बल्लियों एवं पाइप की लाइन से होकर लखदातार मैदान में बने जिगजैग से गुजर कर रावण टीबे के पास तिलकिया कृषि फार्म में बने जिगजैग से होते हुए कुमावत कृषि फार्म के रास्ते से होते हुए श्री श्याम बगीची के पास बने मुख्य मेला मैदान के जिगजैग में आने के बाद मुख्य मंदिर परिसर में प्रवेश करने के बाद लखदातारी श्याम के दर्शन होंगे। उक्त सभी व्यवस्थाएं जिला प्रशासन की देखरेख में श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से की जा रही है। मेले में भीड़ के दबाव को देखते हुए जिगजैग व्यवस्था को काम में लिया जा सकता है।

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Khatushyamji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018:150 मजदूर कर रहे हैं काम


दर्शन मार्ग में जीगजैग, रेलिंग सहित साफ सफाई व्यवस्था करने के लिए तकरीबन 150 मजदूर काम कर रहे हैं। यह मजदूर गत दस दिन पहले से ही काम में जुटे हैं।

Khatushyamji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018:लगेंगे एक दर्जन डोम


मेले के दौरान श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से एक दर्जन के करीब डोम लगाए जाएंगे। जिनमें स्काउट्स, पुलिस, श्रद्धालुओं के विश्राम आदि के लिए व्यवस्था की जाएगी।

Khatushyamji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018:पांच बुकिंग, दो रिजर्वेशन काउंटर होंगे शुरू, ट्रेनों में बढ़ेंगे कोच


रींगस.बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी मेले को लेकर रेलवे प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए रविवार को डीसीएम हरफूल सिंह ने रींगस रेलवे स्टेशन का दौरा किया तथा स्टेशन की सुविधाओं में विस्तार के लिए दिशा निर्देश दिए। रेलवे स्टेशन पर नए प्लेटफार्म का निर्माण चल रहा है जिसके कारण यात्रियों को पीने के पानी के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। पानी की व्यवस्था के लिए आईओडब्ल्यू व निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया। पांच बुकिंग काउंटर के साथ दो एटीवीएम व दो रिजर्वेशन काउंटर मेले पर यात्रियों को टिकट के लिए उपलब्ध रहेंगे। प्लेटफार्मो पर छाया व लाइट के लिए विशेष इंतजामात किए जा रहे हंै। डीसीएम ने ट्रेनों में बेटिकट यात्रियों की भी जांच की।

Khatushyamji Mela Fair 2018:खाटूश्यामजी फाल्गुनी मेला 2018:प्लेट फार्मो के बीच बनेगा विशेष मार्ग


ब्रोडगेज निर्माण के चलते प्लेटफार्म एक से दो व तीन पर जाने के लिए कोई सुविधा नहीं है जिससे मेले में यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। डीसीएम ने बताया कि ठेकेदार को निर्माण पूरा करने के लिए कहा गया है। साथ ही यात्री सुविधा के लिए प्लेट फार्मो के बीच विशेष मार्ग तैयार करवाया जाएगा। प्लेटफार्म पर यात्री सुविधा काउंटर भी शुरू किए जाएंगे जहां पूछताछ व मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

How to reach Khatushyamji:ट्रेनों में बढेंगे कोच

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मेले के दौरान यात्री भार को देखते हुए सवारी गाडिय़ों में कोच की संख्या बढ़ाई जाएगी। 
उदयपुर, फुलेरा व अजमेर सें चलने वाली गाडिय़ो में 22 से 28 फरवरी तक अतिरिक्त कोच का संचालन होगा। रेलवे द्वारा मेला विशेष गाडिय़ों के संचालन पर भी विचार कर रहा है। यात्री सुरक्षा के लिए रींगस स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ की 50 जवानों का अतिरिक्त जाप्ता भी लगाया जाएगा। डीसीएम हरफूल सिंह ने बताया कि मेले के दौरान यात्री सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मेले से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएगी।
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