Khatushyam Baba Temple sikar:1936 में ऐसा था खाटूधाम, पहले यहां भरता था मेला
खाटूश्यामजी. खाटू...यानी श्याम दीवानों की नगरी। लखदातार का मंदिर और हारे का सहारा बाबा श्याम का दरबार। देशभर से अनगिनत श्रद्धालु इन दिनों आस्था की डोर के सहारे खाटूश्यामजी की ओर बढ़ रहे हैं। हर कोई श्याम दर्शन को बेताब है। यूं तो खाटू का लक्खी मेला 10 मार्च से शुरू हो चुका है। हर ओर से केसरिया ध्वज थामे नाचते-गाते श्रद्धालु अपनी ही धुन में मेले में पहुंच रहे हैं। मुख्य मेला 15 से 20 मार्च तक चलेगा।
श्री श्याम मंदिर कमेटी की स्थापना सन् 1986 में हुई और इसका विधान 1995 में बना। वर्ष दो हजार तक मेला मंदिर परिसर तक ही सीमित था। बाद में यह मुख्य बाजार (कबुतरिया चौक) में भरने लगा। फाल्गुनी मेले पर बढ़ती भक्तों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए तकरीबन तीन सालों से मेला रींगस रोड से चारण मैदान, लामिया तिराहे तक फैल गया।
तब आते थे ऊंटगाड़ी और बैलगाड़ी में
श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहनदास ने बताया कि खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का मंदिर वर्ष 1777 में स्थापित हुआ था। उस दौरान आसपास के क्षेत्रों के गिने चुने लोग ही दर्शन को आते थे। यातायात के साधन के तौर पर ऊंटगाड़ी व बैलगाड़ी ही थे। पैदल भी काफी श्रद्धालु यहां पहुंचते थे।
श्याम कुण्ड की भी है महिमा अपार
खाटूधाम में श्याम बाबा के दर्शन करने से पूर्व भक्त श्याम कुण्ड में स्नान कर पुण्य कमाते हैं। भक्तों का कहना है कि इसके पवित्र जल से पापों से मुक्ति मिलती है।
सैकड़ों से पहुंचे लाखों में
वर्ष 1980 में भक्तों की संख्या में इजाफा होना शुरू हुआ, जो आज भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सैकड़ों से हजारों और तो श्रद्धालुओं की संख्या लाखों का पार करने लगी है। स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा मुम्बई, कोलकाता आदि से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने आते हैं। फाल्गुन माह में भरने वाले मुख्य मेले के साथ मासिक मेले का आयोजन भी किया जाने लगा। श्याम बाबा की पूजा चौहान परिवार आलू सिंह किया करते थे, जिनकी समाधि श्री श्याम बगीची में बनी हुई है।
बदलते दौर के साथ खाटू नगरी की हर गली में मकानों से ज्यादा धर्मशालाओं की संख्या हो गई है। रींगस से लेकर खाटू में अनेको ऐसी धर्मशालाएं है, जिनमें थ्री स्टार होटल की तरह सुख सुविधाएं मौजूद हैं।
श्याम रथ तैयार करते हैं खुदाबख्श
फाल्गुनी मेले की एकादशमी को नीले घोड़े वाले श्याम सराकर की निकाली जाने वाली रथ यात्रा का शृंगार खाटू के 96 वर्षीय खुदाबख्श करते हैं।
ये हैं खुदाबख्श
श्याम रथ का लाइसेंस खुदाबक्श के नाम से बना हुआ है। खुदाबक्श मोहर्रम के दिन ताजिया भी तैयार करते हैं।
Khatu mela 2016
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1936 में ऐसा था खाटूधाम, पहले यहां भरता था मेला http://goo.gl/z2UjhK
पाकिस्तान में भी भर रहा बाबा श्याम का मेला, इन तीन शहरों में हैं मंदिर
http://goo.gl/HYhT9S
मिलिए इनसे, सिर्फ मोहर्रम के ताजिये ही नही श्याम बाबा का रथ भी सजाते हैं ये 96 साल के बुज़ुर्ग
http://goo.gl/P7zWGv
#देखें #तस्वीरें
सोने के सिंहासन पर विराजे बाबा श्याम ने भक्तों को दी यह बड़ी सौगात
http://goo.gl/TpuQ0N
अब 24 घंटे हो सकेंगे बाबा श्याम के दर्शन
http://goo.gl/BbYkjG
...तो इस बार खाटू मेले में श्याम भक्तों को यहां रखने होंगे निशान
http://goo.gl/UW1iOI
khatu मेले पर चढ़ा फेसबुक व whatsapp का रंग, यूं मददगार बन रहा social media
http://goo.gl/a0IVpI