Shekhawati University,Sikar

Monday 14 March 2016

Khatushyam Baba Temple:khatu mela 2016 in sikar

Khatushyam Baba Temple:96 साल के मुसलमान खुदाबख्श सजाते हैं बाबा श्याम का रथ

khatushyambaba temple


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खाटूश्यामजी.खाटू...यानी श्याम दीवानों की नगरी। लखदातार का मंदिर और हारे का सहारा बाबा श्याम का दरबार। देशभर से अनगिनत श्रद्धालु इन दिनों आस्था की डोर के सहारे खाटूश्यामजी की ओर बढ़ रहे हैं। हर कोई श्याम दर्शन को बेताब है। खाटू का लक्खी मेला 10 मार्च से शुरू हो चुका है। हर ओर से केसरिया ध्वज थामे नाचते-गाते श्रद्धालु अपनी ही धुन में मेले में पहुंच रहे हैं। मुख्य मेला 15 से 20 मार्च तक चलेगा।
 फाल्गुनी मेले की एकादशमी को नीले घोड़े वाले श्याम सराकर की निकाली जाने वाली रथ यात्रा का शृंगार खाटू के 96 वर्षीय खुदाबख्श करते हैं।  श्याम रथ का लाइसेंस भी खुदाबक्श के नाम से बना हुआ है। मेले पर बाबा श्याम के रथ को सजाने वाले खुदाबक्श मोहर्रम के दिन ताजिया भी तैयार करते हैं।
श्री श्याम मंदिर कमेटी की स्थापना सन् 1986 में हुई और इसका विधान 1995 में बना। वर्ष दो हजार तक मेला मंदिर परिसर तक ही सीमित था। बाद में यह मुख्य बाजार (कबुतरिया चौक) में भरने लगा। फाल्गुनी मेले पर बढ़ती भक्तों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए तकरीबन तीन सालों से मेला रींगस रोड से चारण मैदान, लामिया तिराहे तक फैल गया। खाटूधाम में श्याम बाबा के दर्शन करने से पूर्व भक्त श्याम कुण्ड में स्नान कर पुण्य कमाते हैं। भक्तों का कहना है कि इसके पवित्र जल से पापों से मुक्ति मिलती है।
khatu mela2016
तब आते थे ऊंटगाड़ी और बैलगाड़ी में
श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहनदास ने बताया कि खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का मंदिर वर्ष 1777 में स्थापित हुआ था। उस दौरान आसपास के क्षेत्रों के गिने चुने लोग ही दर्शन को आते थे। यातायात के साधन के तौर पर ऊंटगाड़ी व बैलगाड़ी ही थे। पैदल भी काफी श्रद्धालु यहां पहुंचते थे।
वर्ष 1980 में भक्तों की संख्या में इजाफा होना शुरू हुआ, जो आज भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सैकड़ों से हजारों और तो श्रद्धालुओं की संख्या लाखों का पार करने लगी है। स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा मुम्बई, कोलकाता आदि से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने आते हैं। फाल्गुन माह में भरने वाले मुख्य मेले के साथ मासिक मेले का आयोजन भी किया जाने लगा। श्याम बाबा की पूजा चौहान परिवार आलू सिंह किया करते थे, जिनकी समाधि श्री श्याम बगीची में बनी हुई है।
khatu shyammela2016
धर्मशालाएं भी थ्री स्टार होटल जैसी
बदलते दौर के साथ खाटू नगरी की हर गली में मकानों से ज्यादा धर्मशालाओं की संख्या हो गई है। रींगस से लेकर खाटू में अनेको ऐसी धर्मशालाएं है, जिनमें थ्री स्टार होटल की तरह सुख सुविधाएं मौजूद हैं।
मकानों में आसरा
फाल्गुनी मेले केपहले की खाटू की सभी धर्मशालाएं, होटल और गेस्ट हाऊस भर चुके हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालु मकानों का आसरा लेते हैं। कई भक्त अपने जान पहचान के लोगो के घरों में ठहरते हैं। मेले के दौरान कस्बे के अधिकांश लोग अपने घरों को किराए पर देते हैं। जिसमें दो से तीन परिवार आकर ठहरते हैं। मकान मालिक पंाच से दस हजार तक एक परिवार से लेते हैं।

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